दिल्ली/जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव को लेकर यहां के लोग पिछले लगभग 1 महीने से जुलूस, रैलियां और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।लोगों की मांग है कि इस आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों को उनके भवनों की उचित मुआवजा राशि, स्थाई पुनर्वास दिया जाए। हालांकि आंदोलन के नेता अतुल सती के अनुसार सरकार मामले पर अभी तक सिर्फ और सिर्फ लीपापोती कर रही है। कुछ हद तक छोटे-मोटे कार्य होना शुरू हुए हैं, वह आंदोलन के दबाव का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ हमारी जन्मभूमि तो है ही, साथ ही साथ ऐतिहासिक धरोहर है। इस ऐतिहासिक नगरी में पड़ी दरारों की तस्वीरें और रोते बिलखते परिवारों की आवाजे दिल्ली जंतर मंतर पर पहुंच गई है। उत्तराखंड के लोगों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर बैठकर जोशीमठ की आवाज को बुलंद किया है।

उत्तराखंड निवासी समेत कई लोग शनिवार सुबह 11 बजे से दिल्ली जंतर मंतर पर जाकर बैठ गए हैं। ये शाम 4 बजे तक यहां धरना देंगे। जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन को लेकर जो लोगों की मांगे हैं, जिनको दिल्ली के जंतर मंतर से बुलंद आवाज में कहा जा रहा है। जोशीमठ में चल रहे आंदोलन के नेता अतुल सती ने कहा कि वे दिल्ली में बैठे इन लोगों के शुक्रगुजार हैं। वह हर उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं, जो इस वक्त जोशीमठ के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा जो कोई भी देश और दुनिया के कोने-कोने से जोशीमठ की इस न्यायिक लड़ाई में उनके साथ खड़ा होगा, जोशीमठ के लोग उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस वक्त जोशीमठ का मामला पूरे जोर-शोर से पूरे देश में उठ रहा है। देश का हर एक जनवादी जोशीमठ में आई इस आपदा से त्रस्त हुई जनता के साथ है।

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