कोलकाता, 8 जुलाई। गंगा तथा पर्यावरण के लिए समर्पित भाव से कर्य कर रहे स्‍वयं सेवी संगठन गंगामिशन ने अपने हरित गंगा अभियान के तहत एक माह में 41 हजार से अधिक पौधों का वितरण किया है। गंगामिशन के राष्‍ट्रीय महासचिव प्रह्लाद राय गोयनका ने बताया कि मां गंगा को स्‍वच्‍छ रखने के अभियान के साथ ही गंगा के तटीय इलाकों में जैव विविधता को बनाए रखना अत्‍यंत आवश्‍यक है। गंगा के तटवर्ती इलाकों में वृक्ष लगाने से मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद मिलती है। वृक्ष अनेक पशु पक्षियों को आश्रय देते हैं इससे पारिस्थितिकी तंत्र ( ईको सिस्‍टम ) मजबूत होता है, जो प्रदूषण के प्रभावों को कम करता है। इसे ध्‍यान में रखते हुए गंगा मिशन ने गंगा के तटीय इलाकों प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्‍प किया है। इस संकल्‍प के तहत अब तक बंगाल, बिहार, झाारखंड और उड़ीसा में अब तक लगभग 8 लाख पौधों का वितरण किया जा चुका है। प्रह्लादराय गोयनका ने बताया कि मिशन ने पिछले एक माह में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में 41 हजार पौधों का वितरण किया हे। मिशन की ओर से 4 जून को तारकेश्वर नगर पालिका में 3000 पौधे वितरित किए गए। 19 जून को बारासात में गौतम बर्मन के नेतृत्‍व में 3000 पौधे वितरित किए गए। 22 जून को रिषड़ा में 3000 पौधे, 3 जुलाई को भागलपुर में 3000 पौधे, 4 जुलाई को महेशटोला में 3000, इच्छापुर में 3000 तथा बारासात में 3000 पौधे वितरित किए गए। 5 जुलाई को बांसबेरिया नगर पालिका अध्यक्ष की मौजूदगी में 3000 पौधे बांटे गए । इसी दिन त्रिबेनी गर्ल्स स्कूल में 3000 पौधों को वितरण किया गया। 6 जुलाई को चिनसुरा बोटा में 3000 पौधे बांटे गए। 7 जुलाई को श्रीरामपुर में उत्तम नाग की मौजूदगी में 3000 पौधों का वितरण किया गया। इसी दिन बर्दवान में 3000 पौधे बांटे गए। उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले के टेंसा में 5000 पौधों का वितरण किया गया। गोयनका ने बताया कि गंगा मिशन फलदार पौधों के वितरण पर ज्‍यादा जोर रहता है । फलदार पौधे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ ग्रामीणों को आत्‍म निर्भर बनाने में योगदा देते हैं साथ वृक्षों पर पलने वाले पशुपक्षियों को भी आहार उपलब्‍ध कराते हैं।
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